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फतेहपुर(CNF)। जिला चिकित्सालय में निरीक्षण के दौरान प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने चपरासी प्रमोद कुमार से परिचय पूछा तो उसने स्वयं को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के स्थान पर कार्यरत बताकर अधिकारियों को भ्रमित करने का प्रयास किया। मंत्री सचान ने इसे सरकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन मानते सख्ती दिखाते हुए मरीजों को गुमराह करने वाले चपरासी प्रमोद कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने प्रमोद कुमार को निलम्बित कर दिया। मंत्री श्री सचान ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा सर्वाेपरि है। किसी भी स्तर पर लापरवाही, गुमराह करने अथवा अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान ऐसी घटनाओं पर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन की अवधि में प्रमोद कुमार को केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही अनुमन्य होगा। इस अवधि में किसी अन्य व्यवसाय अथवा सेवा से न जुड़ने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। मामले की जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. इश्तियाक अहमद को नामित किया गया है।