देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े हालिया घटनाक्रमों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि समय पर लिए गए साहसिक निर्णय कितनी तेजी से वास्तविक बदलाव ला सकते हैं। हम आपको बता दें कि सोमवार से लागू हुई जीएसटी दरों में कटौती ने भारतीय उपभोक्ताओं के उत्साह और खरीदारी की प्रवृत्ति में अभूतपूर्व उछाल ला दिया है। यही नहीं, इस कदम ने वाहन और घरेलू उपकरणों जैसे प्रमुख खपत क्षेत्रों में बिक्री के नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, जिससे स्पष्ट हो गया है कि आर्थिक नीतियों का सही समय पर क्रियान्वयन बाजार को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकता है। देशभर के बाजारों से जो रिपोर्टें मिल रही हैं वह दर्शा रही हैं कि देश दशहरे से पहले ही दीपावली मना रहा है।
हम आपको बता दें कि कार उद्योग में स्थिति बेहद रोमांचक रही। छोटी कारों पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे वाहन की कीमत में 40,000 से 1.2 लाख रुपये तक की गिरावट आई। इसके परिणामस्वरूप मारुति सुजुकी ने एक दिन में 30,000 वाहनों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया, जबकि हुंदै मोटर इंडिया ने पिछले पांच वर्षों का सर्वश्रेष्ठ बिक्री आंकड़ा दर्ज किया। ग्राहक इतनी उत्सुकता से शोरूम में पहुंचे कि कुछ मॉडल का स्टॉक पहले ही खत्म होने का अंदेशा जताया जा रहा है। वाहन उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल त्योहारी उत्साह का परिणाम नहीं है, बल्कि लंबी अवधि में भारतीय वाहन उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है।
म आपको बता दें कि सिर्फ वाहन ही नहीं, बल्कि घरेलू उपकरणों की बिक्री में भी जीएसटी दर कटौती का जादू दिखा। एयर कंडीशनर और टीवी की बिक्री पहले ही दिन दोगुनी हो गई। उपभोक्ता अब उच्च तकनीक वाले उत्पादों को सुलभ कीमतों पर खरीदने के लिए प्रेरित हैं। सुपर प्लास्ट्रोनिक्स और अन्य प्रमुख घरेलू उपकरण निर्माताओं ने 30-35 प्रतिशत तक बिक्री वृद्धि दर्ज की है। यह दर्शाता है कि उपभोक्ताओं में न केवल विश्वास लौट रहा है, बल्कि घरेलू मांग में व्यापक पैमाने पर तेजी आई है।
दूसरी ओर, वैश्विक आर्थिक विश्लेषक भी इस स्थिति से चकित हैं। यह अप्रत्याशित नहीं है कि मोदी सरकार के निर्णयों ने न केवल बाजार की गति बढ़ाई है, बल्कि उपभोक्ता वित्तीय व्यवहार को भी बदल दिया है। जीएसटी दरों में कटौती ने क्रय शक्ति बढ़ाई, उपभोक्ता आत्मविश्वास को प्रोत्साहित किया और उद्योग के लिए दीर्घकालीन संभावनाओं के द्वार खोल दिए।
देखा जाए तो यह कदम केवल कर नीति का सुधार नहीं है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में पुनरुत्थान का प्रतीक है। जब सही समय पर सही निर्णय लिया जाता है, तो इसका प्रभाव केवल आंकड़ों में ही नहीं, बल्कि आम जनता की खुशी, उद्योग की गति और पूरे आर्थिक वातावरण में दिखाई देता है। मोदी सरकार की यह पहल साबित करती है कि रणनीतिक आर्थिक निर्णयों का असर तत्काल और व्यापक हो सकता है, और भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।