प्रधानमंत्री जन-धन योजना को देश की वृद्धि दर बढ़ाने में मददगार करार देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को कहा कि देश जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। उन्होंने यह बात ऐसे वक्त कही जब देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर 7.80 प्रतिशत रही है।

अमेरिका के भारी शुल्क लगाए जाने से पहले की पांच तिमाहियों में यह सबसे अधिक है। मल्होत्रा ने इंदौर के रंगवासा गांव में सरकारी क्षेत्र के बैंकों के वित्तीय समावेशन अभियान संतृप्ति शिविर में कहा कि 11 साल पहले केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने बैंकों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत वित्तीय समावेशन का अभियान शुरू किया था, जिससे पूरे देश में विकास हो रहा है।

उन्होंने कहा, आज दुनिया के (सबसे) विकसित देशों में भारत की गिनती पांचवें नंबर पर हो रही है और बहुत जल्द ही भारत (इस सूची में) तीसरा (सबसे) बड़ा देश बनने वाला है।

मल्होत्रा ने कहा कि देश की विकास यात्रा में हर स्थान और तबके के लोगों को सहभागी बनाने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 55 करोड़ लोगों के खाते खोले गए हैं और उन्हें बचत, पेंशन, बीमा, ऋण तथा अन्य सेवाएं देनी शुरू की गईं।

रिजर्व बैंक गवर्नर ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना से जुड़े खाताधारक ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)’ प्रक्रिया के तहत अपना ब्योरा तय अवधि में अद्यतन कराएं, ताकि खाते के दुरुपयोग की आशंकाओं को समाप्त किया जा सके।

मल्होत्रा ने कहा कि आम लोग अपनी डिजिटल साक्षरता और वित्तीय जागरूकता बढ़ाएं ताकि वे बैंकिंग धोखाधड़ी से बच सकें। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वह डिजिटल बैंकिंग और यूपीआई का अधिक से अधिक उपयोग करे। गवर्नर ने वित्तीय समावेशन अभियान में महिलाओं की अहम भागीदारी पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि आधी आबादी देश के विकास में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने बताया कि फिलहाल देश के लगभग सभी गांवों के पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकों की शाखाओं या ‘बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने बैंकों के साथ मिलकर एक जुलाई से वित्तीय समावेशन का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है, जो 30 सितंबर तक चलेगा।

इस अभियान में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के नये खाते खोलना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत लोगों के नामांकन और खाताधारकों के केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करने जैसी गतिविधियां शामिल हैं। कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सीएस शेट्टी भी मौजूद थे।

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