पीएम-सीएम के जेल जाने पर पद से हटाने वाले बिल संविधान (संशोधन 130) विधेयक को विपक्षी दल सत्ता चुराने का नया हथियार बना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों बिल के समर्थन में कह चुके हैं कि भ्रष्टाचारियों को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। अब दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने शाह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े आरोपी जब पार्टी बदलकर उनकी पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो क्या उनको भी जेल भेज जाएगा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मुझे झूठे केस में फंसाया गया था। केंद्र सरकार ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलायी। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए, तो झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होगी?
अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह के हालिया बयान पर तीखा हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जो व्यक्ति गंभीर अपराध में शामिल मुजरिमों को अपनी पार्टी में शामिल करे और फिर उनके सारे केस रफा दफा करवा दे। इसके बाद उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधानमंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?’
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘इस बिल में इसका प्रावधान किया गया है कि 5 साल से अधिक समय तक जेल में रहने अपराध में अगर गिरफ्तारी होती है और इसमें 30 दिन से ज्यादा जेल में रहने पर पद छोड़ना होगा। किसी छोटे-मोटे अपराध के लिए गिरफ्तारी में पद से नहीं हटाया जाएगा। अरविंद केजरीवाल का केस हाई कोर्ट में गया था तब कोर्ट ने कहा था कि नैतिक आधार पर उन्हें पद छोड़ना चाहिए। हालांकि, उस वक्त ऐसा कोई कानून नहीं था इसलिए हम उन्हें पद से नहीं हटा सकते थे।’
बता दें कि इस बिल का विरोध विपक्षी दल बहुत तीखे अंदाज में कर रहे हैं। कांग्रेस के जिल अध्यक्षों के सम्मेलन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि वोट चोरी के बाद यह सरकार अब सत्ता चोरी करना चाहती है। इनके पास ईडी, सीबीआई जैसे हथियार हैं। इस बिल के जरिए इनका मकसद विपक्षी दलों की सरकार को अस्थिर करना है। सबको 30 दिनों के लिए जेल में डालो और फिर सरकार गिराकर अपनी सरकार बना लो।