पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा के पूर्व सदस्य के रूप में पेंशन के लिए आवेदन किया है। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन को मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। धनखड़, जिन्होंने हाल ही में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया है, इससे पहले राजस्थान से विधायक रह चुके हैं। धनखड़ 1993 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 10वीं राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए थे। विधायक के रूप में उनका कार्यकाल 1998 तक रहा।
इस अवधि के दौरान, उन्होंने 1994 से 1997 तक विधानसभा की नियम समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। नियमों के अनुसार, राजस्थान में प्रत्येक पूर्व विधायक 35,000 रुपये मासिक पेंशन पाने का हकदार है। इसके अलावा, आयु-आधारित वृद्धि का भी प्रावधान है। 70 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व विधायक 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन के पात्र हैं, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के विधायकों को 30 प्रतिशत की वृद्धि मिलती है। धनखड़, जो वर्तमान में 74 वर्ष के हैं, 20 प्रतिशत की वृद्धि के पात्र हैं।
इसका मतलब है कि अब उन्हें 35,000 रुपये की बजाय लगभग 42,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। यदि भविष्य में उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक हो जाती है, तो नियमों के अनुसार उनकी पेंशन राशि में 30 प्रतिशत की और वृद्धि हो जाएगी। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए धनखड़ का आवेदन प्राप्त हो गया है और आवश्यक कार्यवाही चल रही है। औपचारिकताएँ पूरी होते ही उन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। धनखड़ का सार्वजनिक जीवन में एक लंबा और प्रतिष्ठित करियर रहा है।